प्रबन्धक की कलम से


 

शिक्षा मनुष्य को संस्कार देने के साथ सभ्य नागरिक भी बनाती है। यह शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य है। जन सामान्य में परस्पर सहिष्णुता विकास शिक्षा के माध्यम से ही सम्भव है। शिक्षा के दूरगामी सार्थक परिणाम है। यह छात्रों में समाजिक  उत्तरदायित्व की भावना के साथ-साथ उनमें अन्तर्निहित  नैसार्गिक शक्तियों का विकास करती है। उत्तम शिक्षा व्यवस्था में निकले छात्र / छात्राएं देश एवं सोच प्रदान करते हैं। हमारा समाज ज्ञान आधारित समाज है। सूचना और संचार प्रविधियों से शिक्षा व्यवस्था निरन्तर विकसित होती जा रही है।

आज शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ज्ञान का अविरल स्त्रोत प्रवाहित करने वाली ऐसी शिक्षा को किस प्रकार सर्वसुलभ एवं सर्वग्राही बनाये जाए वैशीयकरण एवं उदारीकरण की प्रक्रियाओं से नई चुनौतियों एवं अवसरों का सामना करना है। समाज एवं परिवेश में तेजी से हो रहे बदलाव के साथ स्वयं को बदलते हुए आगे बढ़ना एवं लक्ष्य प्राप्त करना अपरिहार्य सा हो गया है किन्तु इसके साथ यह भी आवश्यक है कि हम किस प्रकार स्वयं को अनुशासित रखते हुए ईमानदारी पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

इसी विश्वास के साथ अपने जीवन के संकल्प मानते हुए फूलचन्द ग्रामीण महिला महाविद्यालय की स्थापना की गई हैं। इन्ही उत्कृष्ट मान दण्डो के साथ नव प्रवेशार्थियों का ज्ञान के मन्दिर में स्वागत है। मै उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि विद्यमान परिवेश में उनके अभीष्ट की पूर्ति होगी।


प्रबन्धक
श्री शिव कुमार यादव


© Phoolchand Gramin Mahila Mahavidyalaya, Narhan Khas, Azamgarh, U.P., India  |  Contact Us  |  Sitemap   

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